परिचय

परिचय

विद्यालय की स्थापना 14 जनवरी 1992 को मकर संक्रान्ति के पावन पर्व पर श्री रणजीत सिंह जी मांडी दिल्ली के करकमलों द्वारा की गई कॉलिज की स्थापना में स्व. चौ0 वेदराम सिंह नागर श्री नरेन्द्र भाटी गुलावठी, स्व. श्री बाबू लेखराज सिंह नागर एडवोकेट बुन्दशहर, स्व. कैप्टन शिवकलाराम चिटहैरा, स्व. श्रीरघुराज सिंह नागर अच्छेजा, स्व. श्री प्रभु सिंह भाटी बढपुरा, स्व. श्री भगवत प्रधानाचार्य, चौ0 रघुवर सिंह प्रधान नवादा दनकौर, प्रधान विद्याराम सफीपुर, श्री स्व. महीपाल कसाना नंगला, श्री स्व. राजाराम नागर गुर्जर कालोनी दादरी, श्री राजपाल सिंह चिटहैरा, स्व. मा. मूलचन्द कसाना गुर्जर कालोनी, दादरी का विशेष योगदान रहा इन्ही गणमान्य व्यक्तियों के अथक प्रयासों से इस क्षेत्र के सभी शिक्षाविद दानवीर व समाजसेवी इस संस्था से जुड़े और अपना तन-मन-धन से पूर्ण योगदान दिया। इसी योगदान का यह प्रमाण है कि बहुत ही कम समय से इस संस्था ने अपना विशालकाय और सुन्दर भवन स्थापित कर लिया। इस संस्था में इस क्षेत्र की लगभग 1500 छात्राएं वर्तमान में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। इस संस्था में छात्राओं की आवश्यकतानुसार मानविकी वर्ग व वैज्ञानिक वर्ग के सभी विषयों की मान्यता उत्तर प्रदेश प्रशासन से मिल चुकी है। शिक्षा, अनुशासन, खेल आदि गतिविधियों में इस संस्था की छात्राओं ने अपनी अलग पहचान बना ली है। प्रबन्ध समिति द्वाराछात्राओं को अच्छी शिक्षा देने हेतु सभी विषयों की योग्य व अनुशासित अध्यापिकाओं की नियुक्ति की है और प्रबन्ध समिति द्वारा समय-समय पर अध्यापिकाओं को मार्ग दर्शन व प्रोत्साहित किया जाता है। इस संस्था में छात्राओं के लिए देशाटन (भ्रमण) टूर आदि की पूर्ण व्यवस्था की जाती है । कालिज के सौन्दर्योकरण में श्री ईश्वर भाटी जी (चिटहैरा) का सराहनीय सहयोग रहा है। जहाँ तक शिक्षा के क्षेत्र में छात्राएं अग्रणीय हैवहाँ पर बोर्ड परीक्षा में भी अग्रणीय है।